कानखजुरा काटे तो डरे नही ये जानकर खुद कर लेंगे इसका इलाज


ज़हरीले जीव जंतुओं के डंक मारने डंक मारने या काटने के इलाज

  1. मधुमक्खी के डंक मारने पर :- शहद की मक्खी के काते स्थान पर बारीक पिसा हुआ नमक और मिट्टी का तेल एक साथ मिलाकर रगड़ने से या फ़िर मिट्टी का तेल डालकर ऊपर से बारीक नमक रगड़ने से मधुमक्खी का ज़हर तत्काल उतरकर आराम आ जाता है | सर्वप्रथम चिमटी, सुई आदी से डंक निकलने के बाद मिट्टी का तेल और बारीक पिसा हुआ नमक एक साथ मिलाकर रगड़े और ठंडा पानी पीए | मिट्टी के तेल के अभाव में डंक वाले स्थान पर केवल बारीक पिसा हुआ नमक रखकर और पानी की कुछ बुंदे डालकर पाँच-सात मिनट मले | इससे दर्द जलन तथा सुजन कम होगी |

2. मकड़ी का विष :- शरीर में यदि कही मकड़ी मसल जाए और छाले व जलन हो जाए तो वहाँ पर थोड़ी अमचूर पानी के साथ सिल पर बारीक घिसकर इस लेप को उस स्थान पर लगा दे | बीना देर किए इस लेप को लगाने से मकड़ी का विष नष्ट हो जाता है दिन में तीन बार लेप करें

3. कानखजुरा चिपट जाने पर :- जहाँ कानखजुरा चिपट जाए वहाँ कानखजुरे को बिना छुए उसके चारों तरफ़ पानी में आटा गुँधकर लगा दे ओ शरीर से चिपके हुए कानखजुरे पर सरसो का तेल डाल दे | कुछ चिकित्सकों का अनुभव है की सरसो के तेल डालने के बाद मूली के पत्तों का रस निचोड़ने से कानखजुरा उसी समय उतर जाता है परंतु ध्यान रहे की ज़हरीला पानी अन्य अंगों पे ना लगने पाए अन्यथा फुंसी निकल सकती है
कानखजुरे के अलग होने बाद उसका विष उतारने के लिए वहाँ नीम की पत्तियों को पीसकर लुगदी बाँध दे अथवा स्वमुत्र से धोए या स्वमुत्र की गीली पटि रखे या तिल का तेल से दीपक जलाने पर जितना तेल बचे वह दीपक का बचा हुआ तेल कानखजुरा के काटे स्थान पर लगाए यदि कानखजुरा कान में घुस जाए तो हलका गर्म पानी में जड़ा सेंधा नमक मिलाकर उसकी बुंदे कान में टपकाए | कानखजुरा या कीड़ा कान से बाहर आ जाता है यदि आप ऐसी जगह पर है जहाँ ये सब वस्तुए आपको नही मिल सकती तो स्वमुत्र को कान में डालने से भी कानखजुरा या कीड़ा कान से बाहर आ जाता है

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