कितना भी दुःख आ जाये
मन में उदासी छा जाये
आशा की किरणें दिखे नहीं
मन की विरहें रूके नहीं
छोड़ के मन की चंचलता को
हताश करो उस व्याकुलता को
जीवन को नव निर्मित स्वयं ही तुम आशा दो
दुःख के बाद सुख आयेगा ऐसी तुम परिभाषा दो।
जब जीवन में संघर्ष अपार रहे
पूर्ति करने में हम लाचार रहे
बन्द सभी राहें हो जाये
धूमिल अपनों की निगाहें हो जाये
मिल जायेगी अब शान्ति ह्रदय को
ऐसी तुम अभिलाषा दो
दुःख के बाद सुख आयेगा ऐसी तुम परिभाषा दो।
कवि अविरल शुक्ला लखीमपुर-खीरी 8081001989
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दुख के बाद सुख आयेगा - नए कलमकार की रचना
Reviewed by Gyani Guide
on
11:34 AM
Rating:
खूबसूरत रचना❤️
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