सो जा चाँद, दुलारे
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सो जा चाँद, दुलारे मेरे, बीत गया युग सारा
धरा धवल हो गयी निशा में, सोता है जग सारा।
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सो जा चाँद, दुलारे मेरे, बीत गया युग सारा
धरा धवल हो गयी निशा में, सोता है जग सारा।
मन की गति ना समझ सका मैं, ना तुमको समझाता
जबरन कल की सुबह बनेगा, सूरज भाग्य विधाता;
यही जगत की रीत बुरी है, दुखी बहुत जग सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
जबरन कल की सुबह बनेगा, सूरज भाग्य विधाता;
यही जगत की रीत बुरी है, दुखी बहुत जग सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
अजमंजस में उतराते हैं, नैन तुम्हारे रीते
चंद्रप्रभा की खान दुलारे, हारे हो या जीते;
जीत - जीतकर जग को प्यारे, हार गया मैं सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
चंद्रप्रभा की खान दुलारे, हारे हो या जीते;
जीत - जीतकर जग को प्यारे, हार गया मैं सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
मंजु पुष्प से शोभित होते, रजनी के चौबारे
नृत्य करें अंजुम आँगन में, टिमटिम गीत उचारें;
धरा धवल हो गयी निशा में, सोता है जग सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
...“निश्छल”
नृत्य करें अंजुम आँगन में, टिमटिम गीत उचारें;
धरा धवल हो गयी निशा में, सोता है जग सारा
सो जा चाँद, दुलारे ...
...“निश्छल”
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सो जा चाँद दुलारे | "निश्छल" | Gyani Guide
Reviewed by Gyani Guide
on
1:52 PM
Rating:
सुन्दर लेख
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