"जवानी लौटा दो" अद्भुत ग़ज़ल | Gyani Guide साहित्यक मंच
गिला नहीं रंज नहीं जाओ मगर कहानी लौटा दो
ज़िन्दगी रख लो ख़ुदा के वास्ते जवानी लौटा दो
दर्द नहीं दुआ नहीं दिल नहीं ऐ नज़र रूह की
गिरा था आँखों से जो कभी वो पानी लौटा दो
कल टूटता था आज बिखर जाता हूँ मैं
मुझमें मेरे होने की कुछ निशानी लौटा दो
रास्ता तुम्हें मुबारक हो नये नये घर का
गुज़र के लिये याद इक पुरानी लौटा दो
इन्तिज़ार आह अश्क़ से क्या नाता मेरा
हो सके तो प्यार की शाम सुहानी लौटा दो
मंज़िल तुम्हारी हक़ है सफ़र आसान हो
बस इक बार मेरी राह बेगानी लौटा दो
तुम्हारे नाम की मुहब्बत भी सौंप दूंगा नदीम
मेरी वफ़ा मेरी जान मेरी दीवानी लौटा दो
ज़िन्दगी रख लो ख़ुदा के वास्ते जवानी लौटा दो
दर्द नहीं दुआ नहीं दिल नहीं ऐ नज़र रूह की
गिरा था आँखों से जो कभी वो पानी लौटा दो
कल टूटता था आज बिखर जाता हूँ मैं
मुझमें मेरे होने की कुछ निशानी लौटा दो
रास्ता तुम्हें मुबारक हो नये नये घर का
गुज़र के लिये याद इक पुरानी लौटा दो
इन्तिज़ार आह अश्क़ से क्या नाता मेरा
हो सके तो प्यार की शाम सुहानी लौटा दो
मंज़िल तुम्हारी हक़ है सफ़र आसान हो
बस इक बार मेरी राह बेगानी लौटा दो
तुम्हारे नाम की मुहब्बत भी सौंप दूंगा नदीम
मेरी वफ़ा मेरी जान मेरी दीवानी लौटा दो
........ .नदीम हसन चमन.
रिकाबगंज, पोस्ट टिकारी ज़िला गया। पिन 824236
मोबाइल 7061684801
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3:35 PM
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