पहचाने अपने घर के पास उगी जड़ी बूटियों को जिन्हें घास समझकर छोड़ देते हो अनेको गंभीर बीमारी तथा ट्यूमर ओर बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में भी लाभप्रद| Gyani Guide Health Tips
पहचाने अपने घर के पास उगी जड़ी बूटियों को जिन्हें घास समझकर छोड़ देते हो ट्यूमर ओर बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में लाभप्रद| Gyani Guide Health Tips
दोस्तों प्राचीन काल में लोग बहुत ज्यादा स्वस्थ होते थे और उन्हें बीमारियां भी बहुत कम होती थी इसका कारण यह था कि वह अपने आसपास होगी जड़ी बूटियों को पहचानते थे उनके सभी गुणों के बारे में जानते थे लेकिन आज हमारे अंदर इस गुरु की कमी है हम अपने घरों के आसपास होगी हुई चढ़ी बूटियों को भी झाड़ियां समझते हैं और उनके गुणों से पूरी तरह अनजान है तो दोस्तों आज के इस विषय में हम आपको उन्हीं जड़ी बूटियों के बारे में बताएंगे जो आपके घरों के पास भी पाई जाती है लेकिन आप उनको नजरअंदाज कर देते हैं इनके इस्तेमाल से हम अपने जीवन को सुखी और स्वस्थ बना सकते हैं इन्हें जानने के बाद हम अपनी बीमारियां दूर कर सकते हैं साथ ही साथ दूसरों की बीमारियों को दूर करके भी समाज की सेवा कर सकते हैं तो आइए जानते हैं क्या है वह जड़ी बूटियां अथवा पेड़ पौधे जो आप की बीमारियों को घर बैठे ही दूर कर दे सकते हैं
पीपल का पेड़
दोस्तों पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म के अंदर देवताओं का घर घर माना जाता है हिंदू धर्म में इस वृक्ष की पूजा की जाती है किंतु आयुर्वेद में इसको एक विशेष स्थान प्राप्त है इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर यदि पिया जाए तो यह दिल की कमजोरी को दूर करता है और हृदय संबंधी बहुत सी बीमारियों में भी यह लाभ पहुंचाता है इसकी छाल से काढ़ा बनाकर उसका प्रयोग करने पर गठिया की बीमारी दूर हो जाती है साथ ही साथ यह काढ़ा किडनी की बीमारियों को भी दूर करता है यह काढ़ा शरीर के अंदर से यूरिक एसिड को बाहर निकालता है जिससे चर्म रोग भी दूर होता है
पपीता
दोस्तों इन दिनों पपीते के पत्तों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि यह डेंगू के बुखार में बहुत ज्यादा लाभप्रद है दोस्तों यदि किसी व्यक्ति की बुखार या अन्य किसी कारण से प्लेटलेट्स गिर गई हूं तब पपीते के पत्तों का रस निकालकर उसे पिलाएं आप देखेंगे कि उसकी प्लेटलेट्स सामान्य गति से बढ़ जाएंगी पपीते का फल पाचन शक्ति को बढ़ाता है तथा कब्ज को दूर करने में सहायता करता है इसके सूखे बीजों का सेवन करने से यदि हाथों में विष है तो वह भी निकल जाता है कच्चे फलों से निकाले हुए रस से ट्यूमर तक की बीमारियां खत्म हो जाती है
आँखें का पौधा
दोस्तों आयुर्वेद के अंदर आंखें के पौधे को भारत कहा जाता है और इसका एक विशेष महत्व है दोस्तों इसकी जड़ की छाल का चूर्ण बना लें और इसे लगभग एक चुटकी शहद के साथ ले आते क्योंकि इसके प्रयोग से ट्यूमर तथा सभी प्रकार के गांवों में राहत मिलती है यदि आपको कोई कांटा चुभ गया है या कांच आपके शरीर के किसी अंग के अंदर है तब आपको सिखाओ पर आंखें की पत्तियों का दूध लगाएं आप देखेंगे कि वह काटा या कांच का टुकड़ा सताए ही बाहर आ जाएगा यदि किसी व्यक्ति की एड़ियों में दर्द है तब आंखें के पत्तों को गर्म करके एडीओ पर बांध लें आप देखेंगे कि बहुत जल्दी आपको दर्द में राहत मिल जाएगी
अनार
दोस्तों अनार का फल बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होता है और इससे खून की कमी को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है इसके फल की छाल का चूर्ण बनाकर यदि एक-एक चम्मच सुबह शाम लिया जाए तो खूनी बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में भी राहत प्रदान करता है यदि आपके हाथ और पांव के तलवों में जलन है तब इसकी पत्तियों का रस निकालकर उसे अपनी हाथ या पैर के तलवों पर मालिश करने आप देखेंगे कि आपको बहुत जल्दी जलन से राहत मिल जाएगी यदि आपको टाइफाइड और डेंगू जैसी बीमारियां हो गई हैं तो अनार के पेड़ की पत्तियों का रस निकालकर उसे पीले आप देखेंगे कि आपको इन बीमारियों में राहत मिलने लगेगी
कचनार
दोस्तों कचनार का पौधा लगभग सभी बगीचों में पाया जाता है यह बेहद खूबसूरत होता है इसकी पत्तियों का आकार थायराइड जैसा होता है इसलिए थायराइड संबंधी बीमारियों में इसकी पत्तियों का प्रयोग किया जाता है थायराइड संबंधी कुछ दवाइयों में भी इसका प्रयोग किया जाता है यदि किसी को थायराइड संबंधी बीमारियां हैं तो वह इसकी पत्तियों अथवा छाल का काढ़ा बना लें और उसका प्रतिदिन सेवन करें आपको थायराइड संबंधित बीमारियों से निजात मिलेगी यदि अन्य किसी प्रकार का ट्यूमर भी है तब भी इस गाने का प्रयोग करना आपके लिए लाभदायक होगा
पुनर्नवा
दोस्तों पुनर्नवा का पौधा शरीर को नया बना देता है इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन उसका सेवन करने से किडनी संबंधी रोगों में लाभ मिलता है साथ ही साथ इसकी पत्तियों का काढ़ा एनीमिया जैसी बीमारी में भी लाभदायक होता है यह काढ़ा लीवर संबंधी बीमारियों में भी लाभदायक है
बेल का पेड़
दोस्तों हिंदू धर्म में भगवान शिव शंकर को बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं और पैगंबर साहब ने भी इसे जन्नत का ही दरख़्त कहा है यह केवल एक पेड़ नहीं है इसमें अनेकों गुण भी हैं इसके पत्तों का चूर्ण बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में अमृत है बेल के फल का जूस पाचन तंत्र के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है
धतूरा
दोस्तों हिंदू धर्म में कहा जाता है कि धतूरा भगवान शंकर को बहुत अधिक प्रिय है वह इसलिए नहीं कि वह नशीला होता है बल्कि इसलिए क्योंकि वह उसके गुणों से परिपूर्ण है लेकिन हम लोग उसे नशीला अथवा जहरीला मानकर छोड़ देते हैं दोस्तों इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से सर को धोने से कभी भी सर में जुएं पैदा नहीं होती इस पानी से दर्द अथवा सूजन वाली जगहों पर सिकाई करने से लाभ होता है धतूरे के पूरे पौधे को सरसों के तेल में उबाल लें और इस तेल से जोड़ों पर मालिश करें तो जोड़ों का दर्द तुरंत दूर हो जाता है
गिलोय
गिलोय अथवा अमृता जैसा इसका नाम है वैसे ही इसके गुण है यह स्वाद में कड़वी होती है यह एक पेड़ है जिसका प्रयोग ह्रदय और चर्म रोगों में भी किया जाता है यदि किसी व्यक्ति को बहुत तेज बुखार है और उसकी प्लेटलेट्स गिर गई हैं तब गिलोय की बेल का टुकड़ा लेकर उसे पाने में पका लें इस पानी को उस व्यक्ति को पिलाएं आप देखेंगे कि बुखार में आराम हो जाएगा और प्लेटलेट्स भी पढ़ने लगेंगे
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पहचाने अपने घर के पास उगी जड़ी बूटियों को जिन्हें घास समझकर छोड़ देते हो अनेको गंभीर बीमारी तथा ट्यूमर ओर बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में भी लाभप्रद| Gyani Guide Health Tips
Reviewed by Gyani Guide
on
11:53 AM
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