जानिए रक्षाबंधन पर बहने भाई को तिलक क्यों लगाती है | Gyani Guide धर्म-संसार
रक्षाबंधन पर आप बचपन से भाई को राखी से पहले तिलक लगाती आई हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यह तिलक क्यों लगाया जाता है। क्या है इसका शुभ महत्व.. आइए जानते हैं...
शास्त्रों के अनुसार, लाल चंदन, रोली, सफेद चंदन, भस्म का तिलक लगाना शुभ माना जाता है। यही कारण है कि शुभ कार्य करने से पहले तिलक लगाया जाता है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं।
यह तिलक विजय, पराक्रम, सम्मान, श्रेष्ठता और वर्चस्व का प्रतीक है। तिलक मस्तक के बीच में लगाया जाता है। यह स्थान छठी इंद्री का है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि अगर शुभ भाव से मस्तक के इस स्थान पर तिलक के माध्यम से दबाव बनाया जाए तो स्मरण शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता, बौद्धिकता, तार्किकता, साहस और बल में वृद्धि होती है।
राखी का त्यौहार सावन पूर्णिमा के दिन पड़ने के कारण चावल का महत्व बढ़ जाता है। दरअसल, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का बल अधिक होता है और चावल को चंद्रमा की वस्तु माना गया है। चंद्रमा को मन का कारक भी माना गया है।
माना जाता है कि तिलक के ऊपर चावल लगाने से मन और मस्तिष्क में शांति का वास होता है। चावल सकारात्नक ऊर्जा भी भी प्रदान करता है।
इसके अलावा चावल को सिर के पीछे भी फेंकने का रिवाज है। माना जाता है कि सिर के पिछे चावल फेंकने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्म ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है
तिलक लगाते वक्त माथे के बीच में बनाएं दबाव
तिलक लगाते वक्त माथे के बीच में दवाब देना चाहिए
तिलक लगाते वक्त माथे के बीच में दवाब देना चाहिए। यह स्थान छठी इंद्री का है। यदि इसके वैज्ञानिक कारण की बात करें तो दबाव देने से स्मरण शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता, बौद्धिकता, साहस और बल में वृद्धि होती है।
तिलक माथे के बीच में ही क्यों लगाया जाता है
दरअसल हमारे शरीर में 7 सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं इन्हीं में से एक है आज्ञाचक्र जो माथे के बीच में होता है जहां तिलक लगाया जाता है। इस आज्ञाचक्र से शरीर की प्रमुख तीन नाडि़यां इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं इसी कारण इसे त्रिवेणी या संगम भी बोला जाता है।आज्ञाचक्र को शरीर का सबसे पूजनीय स्थान माना गया है और इसे गुरु स्थान बोला जाता है क्योंकि यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है और यही हमारी चेतना का मुख्य स्थान भी होता है।ध्यान लगाते समय भी इसी स्थान पर मन को एकाग्र किया जाता है।साधारणतः माथे पर तिलक लगाने के लिए चन्दन का इस्तेमाल किया जाता है और चन्दन लगाने से मस्तिष्क में शांति और तरावट बनी रहती है साथ ही चन्दन से मस्तिष्क ठंडा रहता है। जब भी दिमाग पर जोर पड़ता है तो हमे सिर दर्द की शिकायत होती है लेकिन चन्दन का तिलक लगाने से हमारे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है और सिरदर्द की समस्या से निजात मिलती है।इसी कारण कहा जाता है जो लोग सुबह उठकर नहाने के बाद सिर पर चन्दन का तिलक लगाते हैं उन्हें सिरदर्द जैसी समस्या नहीं होती। इसके आलावा तिलक के साथ साथ चावल भी लगाए जाते हैं और चावल लगाने के पीछे ऐसी धार्मिक मान्यता है की चावल लगाकर लक्ष्मी को आकर्षित किया जाता है।
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Reviewed by Gyani Guide
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11:21 AM
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