दोस्तों आजकल गर्मी बहोत बढ़ रही हैं और इस गर्मी के वजह से हम अपनी रोज वाली जिंदगी भी नहीं जी पा रहे क्योकी हमें डर लगता हैं की अगर हम बाहर जायेंगे तो इस धूप में हम बिमार न पद जाये तो हम आपके लिये लाये हैं गर्मी में स्वस्थ रहने के लिये कुछ उपाय जिससे आप गर्मी से काफी हद तक बच सकते हैं.
याद रखें ये बातें…
1. छाछ है फायदेमंद
छाछ को दही, पानी, नमक और अन्य मसालों से तैयार किया जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी होते हैं, जोकि डिहाइड्रेशन जैसी स्थिति से निपटने में कारगर होते हैं। छाछ शरीर में तरल की मात्रा को नियंत्रित रखती है। चूंकि इसमें बहुत ही कम मात्रा में फैट पाया जाता है, इसलिए इसे हृदय के लिए भी अच्छा माना जाता है।
2. खुजली से मिलेगी राहत
लंबे समय तक जूते पहने रहने या पसीने के कारण पैरों में खुजली होना सामान्य बात है। ऐसे में ताजा नींबू के रस को पानी में मिलाकर उसमें पैर डुबोकर रखें, तुरंत राहत महसूस होगी। पानी और ताजा पुदीने के पत्तों से मिश्रण तैयार करके उसमें पैर डाल सकते हैं। इससे भी खुजली में राहत मिलेगी।
3.गर्मी में सुरक्षित आंखें
गर्मी के कारण आंखों में मेलानोमा या लायमोफोमा जैसी कई तरह की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। धूप का चश्मा खतरनाक अल्ट्रा वॉयलेट ‘ए’ और अल्ट्रा वायलेट ‘बी’ किरणों को रोकता है। नमी आपके नेत्रों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं, ताकि आखों और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। डिहाइड्रेशन से आपकी आंखों में लुब्रिकेशन की कमी आ सकती है, जिससे जीरोफ्थलमिया (सूखी आंखें) जैसी बीमारी संभव है।
गर्मी में होती हैं ये आम समस्याएं…
हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, धड़कनों का तेज हो जाना, शरीर का तापमान बढ़ जाना, मतिभ्रम होना आदि शामिल हैं। हीट स्ट्रोक गर्मी में ज्यादा देर काम करने से शरीर के ओवरहीट होने से होता है। ऐसे व्यक्ति का इमरजेंसी इलाज करना चाहिए। लगातार तरल पदार्थ लेने, गर्मी से बचने, हवादार कपड़े पहनने से गर्मी में काफी राहत मिलती है।
डिहाइड्रेशन
शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन होता है। ज्यादा व्ययाम, गंभीर डायरिया, उल्टी, बुखार या ज्यादा पसीना इसके आम कारण हैं। इसलिए गर्मी में पानी पीते रहना जरूरी है।
फूड पॉइजनिंग और डायरिया
बचे हुए खाने को रेफ्रिजरेटर में रखें। खाद्य पदार्थों को सही तरीके से पकाएं। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। स्ट्रीट फूड को खाने से बचें। पानी को उबालकर पीएं।
संक्रमण की समस्या
चिकनपॉक्स और मीजल्स भी गर्मी में होते हैं, क्योंकि तब इसके वायरस तेजी से फैलते हैं। इसलिए इसका वैक्सीनेशन लेना जरूरी है। मूत्र मार्ग में संक्रमण भी आम बीमारी है। पानी न पीने से संक्रमण होता है। पानी में अगर ऑर्सेनिक, जंग, कीटनाशक आदि मिला हो तो उसे पीने से डायरिया, हैजा, टायफायड वगैरह हो सकता है!
बुखार
शरीर में जब भी किसी प्रकार का संक्रमण होता है, उसका परिणाम बुखार के रूप में दिखाई पड़ता है। इस मौसम में मक्खी और मच्छर बुखार का एक बड़ा कारण हैं। वायरल, मलेरिया, फ्लू, लू, डेंगू, चिकनगुनिया या स्वाइन फ्लू आदि बुखार ऐसे हैं, जो इस गर्मी की देन हैं। गर्मी में ज्यादातर लोग पेट की तकलीफ से भी परेशान होते हैं। अक्सर दूषित पानी और खान-पान से वायरस हमारे शरीर में पहुंच कर संक्रमण फैला देते हैं। इनसे आंतों में संक्रमण और डायरिया जैसे रोग हो जाते हैं।
नाक से खून आना
गर्मियों में हवा के रूखेपन के कारण इस तरह की समस्या होती है। इसलिए नाक के दोनों छिद्रों में नमी का स्तर बनाए रखें। जब नाक से ब्लीडिंग हो रही हो तो शरीर को इधर-उधर हिलाएं-डुलाएं नहीं, बल्कि आराम से सिर को ऊपर की ओर करके बैठें। इससे नाक से अतिरिक्त खून को बहने से रोका जा सकता है।
लू लगना
गर्मी की घबराहट कभी-कभी नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर देती है। शरीर के साथ-साथ दिमाग भी इसकी चपेट में आ जाता है। इसे लू लगना कहते हैं। धूप में बाहर न जाएं, खाली पेट न जाएं और धूप से बचाव के सभी उपाय अपने साथ रखें।
यूटीआई (यूरिनेरी ट्रैक्ट इंफेक्शन)
कंपकपाहट के साथ तेज बुखार होना और यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण गर्मी में होने वाली सामान्य बीमारी है। गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन से बैक्टीरिया ब्लैडर में प्रवेश कर जाते हैं। ये रोग स्त्रियों को ज्यादा सताता है। इसलिए साफ-सफाई और हाईजीन का पूरा ध्यान रखें। पानी का सेवन ज्यादा करें। इसके साथ-साथ तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें।
पानी और घरेलु पेय पदार्थ पिएं
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हमारे शरीर को प्रतिदिन कम से कम ढाई लीटर पानी की जरूरत होती है। लेकिन, यह भी कहा जाता है कि जितना पानी पीया जाए, शरीर के लिए उतना ही अच्छा है। हमारी किडनी में इतनी क्षमता होती है कि वह ज्यादा पानी को यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देती है।
गर्मी में तो नियम बना लेना चाहिए कि नहीं भी प्यास लगे तो भी पानी पीएं। गर्मी में पसीना निकलने से शरीर में पानी की कमी के साथ-साथ पोषक तत्वों का भी क्षरण होता है। इसकी पूर्ति तरल पेय पदार्थों से की जाती है। इसके लिए कृत्रिम पेय पदार्थों के बजाए मटके का ठंडे पानी, छांछ, खस, चंदन आदि का शर्बत एवं फलों के रस का उपयोग किया जा सकता है। इससे जहां शरीर में जल का स्तर सामान्य बना रहता है वहीं, पोषक तत्व भी मिलते हैं ।
गर्मी के मौसम में आपके स्वस्थ्य के लिए और गर्मी से बचने के लिए ज़रूरी बातें और तरीके
Reviewed by Gyani Guide
on
1:37 PM
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