भारत एक बहुत सुंदर देश है यहां की सुंदरता देश वासियों को ही नही बल्कि विदेशियों को भी आकर्षित करती है भारत में घूमने लायक कुछ बेहतरीन जगह
1. Maluti Temples - Jharkhand
Maluti दुमका (झारखंड)। मलूटी को मंदिरों का गांव भी कहा जाता है। मलूटी गांव में इतने सारे मंदिर होने के पीछे एक रोचक कहानी है। यहां के राजा महल बनाने की बजाए मंदिर बनाना पसंद करते थे और राजाओं में अच्छा से अच्छा मंदिर बनाने की होड़ सी लग गई। इस गांव के राजा की कहानी भी अजीब है कहा जाता है किसुल्तान अलाउद्दीन हसन शाह (1495-1525) ने इस गांव को बाज बसंत राॅय को इनाम में दे दिया था
मंदिरों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनके पाश्र्व भाग टेराकोटा पैनल (फलक) से अलंकृत हैं। माना जाता है कि कभी यहां इन मंदिरों की संख्या 100 से ज्यादा थी, जिनमें 108 सिर्फ शिवमंदिर थे । वर्तमान में यह संख्या लगभग 72 के करीब हैं और इसके अलावा मां मौलीक्षा का मंदिर भी है। इन मंदिरों के निर्माण की शुरूआत स्थानीय राजा बाज बसंत राय के समय में हुआ माना जाता है।
Delhi से मलूटी मंदिर (झारखंड) की दुरी है 1,402.7 km
2. Kumbhalgarh - Rajasthan
किला कुम्भलगढ़ के मुख्य किले के अंदर स्थित है।
यह किला राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित है। इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने सन 13 मई 1459 वार शनिवार को कराया था। इस किले को
'अजेयगढ' कहा जाता था क्योंकि इस किले पर विजय प्राप्त करना दुष्कर कार्य था। इसके चारों ओर एक बडी दीवार बनी हुई है जो चीन की दीवार के बाद विश्व कि दूसरी सबसे बडी दीवार है।
कुम्भलगढ़ किले का निर्माण पंद्रहवी सदी में राजा राणा कुम्भा ने करवाया था। यह मेवाड़ किला बनास नदी के तट पर स्थित है। पर्यटक बड़ी संख्या में इस किले को देखने आते हैं क्योंकि यह किला राजस्थान राज्य का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण किला है। यह विशाल किला 13 गढ़, बुर्ज और पर्यवेक्षण मीनार से घिरा हुआ है। कुम्भलगढ़ किला अरावली की पहाड़ियों में 36 किमी में फैला हुआ है। इसमें महाराणा फ़तेह सिंह द्वारा निर्मित किया गया एक गुंबददार महल भी है। लंबी घुमावदार दीवार दुश्मनों से रक्षा के लिए बनवाई गई थी
इस किले में सात बड़े दरवाजे हैं। इनमें से सबसे बड़ा राम पोल के नाम से जाना जाता है। किले की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते हनुमान पोल पर पर्यटक एक मंदिर देख सकते हैं। हल्ला पोल, राम पोल, पाघरा पोल, निम्बू पोल, भैरव पोल एवं तोप-खाना पोल किले के अन्य दरवाजे हैं।
Delhi से कुम्भलगढ (राजस्थान) 613.9 km
3. Unakoti - Tripura
उनाकोटि की सबसे खास बात यहां मौजूद असंख्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। जो इस स्थान को सबसे अलग बनाने का काम करती हैं। यह स्थान त्रिपुरा के राजधानी शहर अगरतला से लगभग 125 किमी की दूरी पर स्थित है। उनाकोटि एक पहाड़ी इलाका है जो दूर-दूर तक घने जंगलों और दलदली इलाकों से भरा है। उनाकोटि लंबे समय से शोध का बड़ा विषय बना हुआ है, क्योंकि इस तरह जंगल की बीच जहां आसपास कोई बसावट नहीं एक साथ इतनी मूर्तियों का निर्माण कैसे संभव हो पाया।
उनाकोटी का नाम स्थानीय शिव से सम्बन्धित तीर्थ पर पड़ा है। मान्यता है कि शिवजी समेत एक कोटि (करोड़) देवी-देवताओं के समूह में यहाँ से निकलते हुए काशी की ओर जा रहा था। रात्रि में समूह ने यहाँ पड़ाव डाला और प्रातकाल पर फिर यात्रा आरम्भ करने की ठानी। जब सूर्योदय हुआ तो शिवजी को छोड़ अन्य सभी सो रहे थे। क्रोधित होकर शिव ने उन सबको श्राप देकर पत्थर का बना दिया। इस से यहाँ उनाकोटी (यानि एक करोड़ से एक कम) मूर्तियाँ हो गई, जिस से स्थान का नाम पड़ा।
Delhi से उनाकोटी (त्रिपुरा) की दुरी है 2,346.2 km
उनाकोटी का नाम स्थानीय शिव से सम्बन्धित तीर्थ पर पड़ा है। मान्यता है कि शिवजी समेत एक कोटि (करोड़) देवी-देवताओं के समूह में यहाँ से निकलते हुए काशी की ओर जा रहा था। रात्रि में समूह ने यहाँ पड़ाव डाला और प्रातकाल पर फिर यात्रा आरम्भ करने की ठानी। जब सूर्योदय हुआ तो शिवजी को छोड़ अन्य सभी सो रहे थे। क्रोधित होकर शिव ने उन सबको श्राप देकर पत्थर का बना दिया। इस से यहाँ उनाकोटी (यानि एक करोड़ से एक कम) मूर्तियाँ हो गई, जिस से स्थान का नाम पड़ा।
Delhi से उनाकोटी (त्रिपुरा) की दुरी है 2,346.2 km
4. Bhangarh - Rajasthan
भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भूतहा किला' माना जाता है। इस किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने 1573 में बनवाया था
भानगढ से सम्बन्धित कथा उक्त भानगढ बालूनाथ योगी की तपस्या स्थल था जिसने इस शर्त पर भानगढ के किले को बनाने की सहमति दी कि किले की परछाई कभी भी मेरी तपस्या स्थल को नहीं छूनी चाहिए परन्तु राजा माधो सिंह के वंशजों ने इस बात पर ध्यान नहीं देते हुए किले का निर्माण ऊपर की ओर जारी रखा इसके बाद एक दिन किले की परछाई तपस्या स्थल पर पड़ गयी जिस पर योगी बालूनाथ ने भानगढ़ को श्राप देकर ध्वस्त कर दिया, श्री बालूनाथ जी की समाधि अभी भी वहाँ पर मौजूद है।
भानगढ़ का किला एशिया की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना गया है। सरकारी आदेश है कि यहां शाम 6 बजे के बाद किसी को भी रुकने न दिया जाए। इसलिए यहां सैलानियों को 5:30 होते ही किले से बाहर निकालना शुरू कर दिया जाता है। ताकि भूल से भी कोई इसके अंदर न रह जाए.
Delhi से भानगढ़ (राजस्थान) की दुरी है 282.2 km
5. Undavalli Caves - Andhra Pradesh
आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत का एक खूबसूरत शहर है जो अपने ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है। तेलंगाना से अलग होने के बावजूद भी इस राज्य ने अपनी सौंदर्यता को नहीं खोया। आज भी यहां अतीत से जुड़े किले-भवन, स्मारक, गुफाओं को देखा जा सकता है।
ये गुफा 7 वीं शताब्दी में पाए जाते हैं। वे 420-620 ईस्वी के विष्णुकुंडी राजाओं से जुड़े हुए हैं। ये गुफाएं अनंत पद्मनाभा और भगवान नरशिम्हा को समर्पित हैं। बौद्ध भिक्षुओं ने इन्हें रेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया
Delhi से उंडवल्ली गुफा (आंध्र प्रदेश) की दुरी है 1,858.4 km
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अगर आप है घूमने के शौकीन तो जीवन में एक बार यहां ज़रूर जाए
Reviewed by Gyani Guide
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7:55 PM
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