1. बुलेट बाबा का मंदिर
जो दिखता नहीं वह भगवान बन जाता है. पर कौन भूत कहलाएगा, कौन भगवान यह अपनी-अपनी किस्मत की बात है. भगवान, आत्मा और साइंस का कमाल मिस्टर इंडिया ये तीनों ही दिखते नहीं. पर भगवान कहलाने का सौभाग्य सिर्फ भगवान को मिला है. हालांकि भगवान को आज तक किसी ने देखा नहीं, उनके किस्से लेकिन सबको पता हैं. कृष्ण, राम आदि इंसान रूपी कई भगवानों को भगवान कहलाने के लिए जाने कितनी लीलाएं करनी पड़ीं
ओम सिंह राठौर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो ज्यादा दिन जी तो नहीं सके लेकिन मर कर भगवान बन गए. भगवान की सत्ता पर आपको यकीन हो या न हो लेकिन जोधपुर के बुलेट मंदिर में लोगों को ओम बन्ना (ओम सिंह राठौर) भगवान पर जरूर यकीन है. यकीन इतना कि यहां से गुजरते हुए कोई भी यात्री ओम बन्ना के बुलेट मंदिर में पूजा और प्रसाद चढ़ाए बिना नहीं जाता. अगर जाता है तो एक्सीडेंट की भेंट चढ़ जाता है.
जाता है कि बुलेट बाबा की आत्मा यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों की रखवाली करता है।
जयपुर। मरूभूमि राजस्थान अपने प्रख्यात मंदिरों के लिए जाना जाती है। सबसे खास बात यह है कि यहां के सभी मंदिर अपने पीछे कोई न कोई रोचक कहानी समेटे हैं।
यह कहानियां अक्सर इतनी विचित्र होती हें कि सुनकर सहसा विश्वास ही नहीं होता कि ऎसा भी हुआ होगा लेकिन वहां के बाशिंदों मं प्रचलित किवदंतियां सुन इन्हें मानने पर मजबूर होना पड़ता है।
पाली में बुलेट बाबा का रहस्यात्मक मंदिर
राजस्थान के पाली जिले के एक मंदिर में बुलेट बाइक पूजी जाती है। यह स्थान जोधपुर पाली हाईवे पर पाली से लगभग 20 किलोमीटर दूर बुलेट बाबा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
मुख्य हाइवे के पास ही स्थित यह स्थान हाल ही के दिनों में बहुत चर्चित हुआ है। सड़क के किनारे जंगल में लगभग 20-25 प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती है और साथ ही नजर आता है भीड़ से घिरा एक चबूतरा जिस पर ओम बन्ना की एक बड़ी सी फोटो और अखंड जलती ज्योत।
नजदीक ही चबूतरे के पास नजर आती है एक फूल मालाओं से लदी बुलेट मोटर साइकिल।
ओम बन्ना व बुलेट बाइक की चमत्कारी कहानी
ओम बना अर्थात ओम सिंह राठौड़ पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के ठाकुर जोग सिंह जी राठौड़ के पुत्र थे। 1991 की गर्मियों की रात जब वे अपनी बुलेट 350 मोटर साईकिल पर गांव जा रहे थे तो एक सड़क हादसे में उनका उनका निधन हो गया।
कहा जाता है कि इस हादसे के बाद पुलिस वाले इस मोटर साइकिल को थाने ले आए लेकिन दूसरे दिन सुबह ही थाने से यह मोटर साइकिल गायब हो गई। तलाश करने पर मोटर साइकिल उसी दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई।
किवदंती है कि पुलिसकर्मी कई बार मोटर साइकिल को दुबारा थाने लाए और यहां तक कि उसका पैट्रोल टैंक भी खाली किया लेकिन हर बार यह मोटर साइकिल थाने से गायब हो दुर्घटना स्थल पर अपने आप पहुँच गयी
*********
2. तीरूपति बाला जी का मंदिर
भगवान तिरुपति बालाजी को भारत के सबसे अमीर देवताओं में से एक माना जाता हैं। तिरुपति जी के दरबार में बड़े से बड़े अमीर और गरीब दोनों जाते हैं, हर साल लाखों लोग भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरुमाला की पहाड़ियों पर भीड़ लगाते हैं। माना जाता है कि भगवान तिरुपति बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। ऐसे कहा जाता है कि यदि कोई भक्त कुछ भी सच्चे दिल से मांगता है, तो भगवान उसकी सारी मुरादें पूरी करते हैं। और वे लोग जिनकी मुराद भगवान पूरी कर देते हैं, वे अपनी इच्छा अनुसार वहां पर अपने बाल दान कर के आते हैं।
तिरुपति बालाजी का मंदिर आंद्र-प्रदेश के तिरुमाला पहाड़ों मे है, इस मंदिर मे बहुत बड़े और अमीर लोग आते हैं और वे अपनी इच्छा अनुसार दान भी करते हैं, इस कारण से आज ये मंदिर अमीर मंदिर मे गिना जाता हैं, आपको बता दे की भगवान तिरुपति बालाजी को वेंकटेश्वर, श्रीनिवास और गोविंदा के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के बहुत ज्यादा विख्यात होने का कारण यहाँ के अद्भुत चमत्कार हैं इस मंदिर से बहुत सारी मान्यताएँ जुड़ी हैं जो आप माने या ना माने लेकिन वहाँ के भक्त इन्हें बहुत मानते हैं, इस रहस्य से संबंधित बातें जिस सबसे आज तक आप अन्भिग्य थे, तो जानिये आज हम आपको तिरुपति बालाजी मंदिर के ऐसे रहस्य बताएँगे जिन्हे जानकर आप दंग रह जाएंगे।
1. इस मंदिर के मुख्य द्वार के दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी रखी है। जिस छड़ी से बालाजी की बचपन में पिटाई की गई थी। और इसी वजह से उनकी थोड़ी में चोट लग गई। और तब से लेकर आज तक उनकी थोड़ी में चंदन का लेप लगया जाता है। ताकि घाव भर जाए।
2. अब बालाजी के ठोड़ी पर चंदन लगाना एक प्रथा बन गया है।
3. भगवान बालाजी के सिर पर आज भी रेशमी बाल हैं और उनमें उलझने नहीं आती और वह हमेशा ताजा लगते हैं।
4. मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गाँव है, उस गाँव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है। वहाँ पर लोग नियम से रहते हैं। वहां की महिलाएँ ब्लाउज नहीं पहनती। वहीँ से लाए गये फूल भगवान को चढाए जाते है और वहीँ की ही वस्तुओं को चढाया जाता है जैसे- दूध, घी, माखन आदि।
5. भगवान बालाजी गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े दिखते है मगर वे दाई तरफ के कोने में खड़े हैं बाहर से देखने पर ऎसा लगता है।
6. बालाजी को सजाने के लिए धोती और साड़ी का प्रयोग किया जाता है। उन्हें ऊपर साड़ी और नीचे धोती पहनाई जाती है।
7. गर्भगृह में चढाई गई किसी वस्तु को बाहर नहीं लाया जाता, बालाजी के पीछे एक जलकुंड है उन्हें वहीं पीछे देखे बिना उनका विसर्जन किया जाता है।
8. बालाजी की पीठ को जितनी बार भी साफ करो, वहाँ गीलापन रहता ही है, वहाँ पर कान लगाने पर समुद्र घोष सुनाई देता है।
9. बालाजी के वक्षस्थल पर लक्ष्मीजी निवास करती हैं। हर गुरूवार को निजरूप दर्शन के समय भगवान बालाजी की चंदन से सजावट की जाती है उस चंदन को निकालने पर लक्ष्मीजी की छवी उस पर उतर आती है। बाद में उसे बेचा जाता है।
10. बालाजी के जलकुंड में विसर्जित वस्तुएं तिरूपति से 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में बाहर आती हैं।
11. गर्भगृह में जलने वाले चिराग कभी बुझते नही हैं, वे कितने ही हजार सालों से जल रहे हैं किसी को पता भी नही है।
12. बताया जाता है सन् १८०० में मंदिर परिसर को 12 साल के लिए बंद किया गया था। किसी एक राजा ने 12 लोगों को गलती करने पर उन्हें मारकर दीवार पर लटकाया था उस समय विमान वेंकटेश्वर प्रकट हुए ,ऐसा कहा जाता है।
13. तिरुपति बालाजी की मूर्ति हमेशा नम रहती है।
14. बालाजी मंदिर में भगवान की मूर्ति की सफाई के लिए विशेष तरह का कपूर लगाया जाता है। यह कपूर जब दीवार पर लगाया जाता है तब वह टूट जाता है। और बालाजी की मूर्ति पर लगाया जाता है तो ऐसा कुछ नहीं होता।
15. इस मंदिर में जो लोग दर्शन करने आते हैं वे अपने सिर के बालों को चढ़ाते हैं। यह बाल उनकी आर्थिक सहायता करते हैं। ताकि वे धन कुबेर का ऋण उतार सकें।
16. यह कहा जाता है कि तिरुपति मंदिर की यात्रा तभी पूरी होती है जब उनकी पत्नी पद्मावती जो कि लक्ष्मी की अवतार थीं, के मंदिर की यात्रा की जाए। माता पद्मावती का मंदिर तिरुपति मंदिर से पांच किलोमीटर दूर है।
उपरोक्त वे कारण हैं जिनकी वजह से तिरुपति मंदिर की प्रसिद्धि है। तिरुपति मंदिर एक दर्शनीय स्थल है। जो भक्त सच्ची श्रद्धा से भगवान बालाजी के दर्शन के लिए जाता है। उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
********
3. राज़ राजेश्वरी मंदिर
बिहार के बक्सर जिले में स्थित है यह चमत्कारी मंदिर. इस मंदिर को राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी के नाम से जाना जाता है. 400 साल पुराने इस मंदिर की स्थापना एक तांत्रिक ने की थी. तांत्रिक का नाम था भवानी मिश्र. तभी से उन्ही के वंशज इस मंदिर की देख-रेख करते आ रहे हैं. कहा जाता है की यह मंदिर तंत्र साधना के लिए मशहूर है. यहां पर आये श्रद्धालुओं की हर इच्छा पूरी हो जाती है. लोगों के अनुसार यहां पर एक ऐसी चमत्कारिक घटना घटती है जिसे देख लोग हैरान हो जाते हैं.
इस मंदिर की मूर्तियाँ करती हैं आपस में बातें
जी हाँ. इस मंदिर की मूर्तियाँ आपस में बातें करती हैं. मंदिर से लोगों को बात करने की आवाजें आती हैं. इन आवाजों को सुनकर लगता है मानो मूर्तियाँ बात कर रही हों. जो भी यहां से आधी रात को गुज़रता है, उसे ये आवाज़ सुनाई देती है. पहले लोग इसे अपना वहम मानते थे. वैज्ञानिकों के रिसर्च के बाद इसके सच होने की पुष्टि हुई. रिसर्च करने के बाद वैज्ञानिकों ने बताया की आने वाली आवाजें किसी व्यक्ति की नहीं है. उनका मानना है की यहां पर कुछ अजीब ज़रूर है.
वैज्ञानिकों के अनुसार मंदिर की बनावट ही कुछ ऐसी है जिससे की सूक्ष्म शब्द यहां घुमते हैं. इसलिए दिन में लोगों द्वारा की गयी बातें, रात को गूंजती हैं. पर यह भी उनका केवल अनुमान है.
भारत के 3 मंदिर जिनके चमत्कारों के आगे वैज्ञानिक भी नतमस्तक हो गये
Reviewed by Gyani Guide
on
7:40 PM
Rating:
No comments: