जनिए क्या है धारा "370" और इसके हटने के बाद क्या होंगे बदलाव | Gyani Guide News

जनिए क्या है धारा "370" और इसके हटने के बाद क्या होंगे बदलाव | Gyani Guide News 

जनिए क्या है धारा "370" और इसके हटने के बाद क्या होंगे बदलाव | Gyani Guide News

क्या है धारा "370"

अनुच्छेद 370 भारत के संव‍िधान में 17 अक्‍टूबर, 1949 को शाम‍िल किया गया था। यह अनुच्छेद जम्‍मू-कश्मीर को भारत के संव‍िधान से अलग करता है और राज्‍य को अपना संव‍िधान खुद तैयार करने का अध‍िकार देता है। इस मामले में अपवाद केवल आर्ट‍िकल 1 और खुद 370 को रखा गया है। अनुच्छेद 370 जम्‍मू-कश्‍मीर के मामले में संसद को संसदीय शक्‍त‍ियों से रोकती है।

इंस्‍ट्रूमेंट ऑफ एक्‍सेशन यान‍ि आईओए (26 अक्‍टूबर, 1947 को महाराजा हरि स‍िंंह द्वारा दस्‍तखत क‍िए गए संध‍ि-पत्र) के तहत शाम‍िल व‍िषयों पर अगर केंद्र सरकार ने कोई कानून बनाया हो ताे उसे जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार से संपर्क के ब‍िना राज्‍य में लागू नहीं कराया जा सकता। अन्‍य मामलोंं मेंं ऐसे कानून लागू कराने के ल‍िए राज्‍य सरकार की सहमत‍ि जरूरी है।
इसके तहत जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया 

और इस विशेष राज्य का दर्जा होने के कारण क्या क्या नियम जम्मू कश्मीर पर लागू थे वो सब नीचे दिया गया है

 
इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती.
- इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्‍त करने का अधिकार नहीं है.
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है.
- भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है.
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है.
- इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते.
- भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती.
- जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं.
- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी.
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं.
- कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है.
- कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है.
- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है.

धारा "370" हटने के बाद जम्मू कश्मीर में क्या क्या होंगे बदलाव 


1. आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प, सिर्फ खंड एक लागू रहेगा

 गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। गृह मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।' इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की


 2.                 नही होगा आग राष्ट्र ध्वज 

पहले जम्‍मू-कश्‍मीर का अपना अलग झंडा था. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं था. 
अब जम्‍मू कश्‍मीर का अलग झंडा नहीं होगा और भारत के दूसरे हिस्‍सों की तरह यहां भी तिरंगा ही लहराया जाएगा. अब वहां के लोगों को भी राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे का सम्‍मान करना होगा.

3. 
जम्मू कश्मीर के हुए 2 टुकड़े 

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से धारा 370 हटा (Article 370) दी गई है. जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) बन गया है. साथ ही लद्दाख (Ladakh) को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अब देश में कुल 9 केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं.

4.                  नही रहेगा विशेष राज्य का दर्जा 

धारा 370 समाप्त होने के बाद राज्य का विशेष दर्ज समाप्त हो जाएगा. यानी, देश के दूसरे राज्यों के निवासी भी राज्य में संपत्ति खरीद सकेंगे. धारा 370 के कारण देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा अन्य कोई भी कानून बनाने का अधिकार नहीं था.

जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की भी अनुमति दी गई थी. लेकिन, सरकार के इस फैसले के बाद यह सब बदल जाएगा. केंद्र का अब हर कानून राज्य में प्रभावी होगा. जम्मू-कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं होगी. जम्मू-कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून भी यहां लागू होंगे. वहीं, जम्मू-कश्मीर में देश का कोई भी नागरिक अब नौकरी हासिल कर सकेगा.

धारा 370 खत्म होने के बाद अब अगर जम्मू-कश्मीर की महिला किसी अस्थायी निवासी से शादी कर लेती तो भी उनको संपत्ति का अधिकार मिलेगा. पहले अस्थायी निवासी से शादी करने पर महिलाओं को तो संपत्ति में अधिकार दिया जाता था लेकिन इस तरह महिलाओं के बच्चे संपत्ति के अधिकार से वंचित हो जाते थे.





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