यहां है धरती का नरक



दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जिसे हकीकत में 'नर्क का द्वार' (Door to hell) कहा जाता है. जी हां, कभी सोवियत रूस के अधीन रहे तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) के दरवेजा (Darvaza) गांव में रेगिस्तान के बीचो-बीच ज्वालामुखीनुमा एक गड्ढा है, जिसमें हर वक्त आग लगी रहती है. पिछले करीब 47 वर्षों से इस गड्ढे में आग की ऊंची लपटें उठ रही हैं. पर्यटकों के लिए दरवेजा की यह जगह आज की तारीख में तुर्कमेनिस्तान की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है
ये गड्ढा दरअसल एक गैस क्रेटर है, जो मिथेन गैस के चलते जल रहा है. ये तुर्कमेनिस्तान का मशहूर टूरिस्ट प्वाइंट बन चुका है. इस रेगिस्तान में प्राकृतिक गैस का रिसाव होता था, जिसे दुनिया में सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस का भंडार कहा जाता है.

मिथेन गैस के विशाल भंडार का इस्तेमाल करने के लिए 1971 में सोवियत संघ के वैज्ञानिकों ने यहां ड्रिलिंग की थी. ज्यादा से ज्यादा गैस निकालकर जमा करने की होड़ में एक दिन यहां विस्फोट हुआ, जिससे बड़ा क्रेटर बना. साथ ही, जहरीली गैस का रिसाव शुरू हो गया. हादसे में कोई घायल नहीं हुआ था. रूसी वैज्ञानिकों ने हादसे के बाद मिथेन गैस को वायुमंडल में फैलने से रोकने के लिए आग लगा दी. उसी समय से यह आग लगातार जल रही है. जिस गड्ढे में आग जल रही है, वह 229 फीट चौड़ा है और इसकी गहराई तकरीबन 65 फीट है.

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